एक रहस्यमयी कहानीः राजस्थान के इरफान और घूल का सच
एक रहस्यमयी कहानी: राजस्थान के इरफान और घूल का सच
क्या आपने कभी ऐसी कहानी सुनी है जो रातों की नींद उड़ा दे? एक ऐसी कहानी, जिसमें सच्चाई और डर का मिश्रण इतना गहरा हो कि आप सोचने पर मजबूर हो जाएं कि ये सच है या सिर्फ एक अफवाह? आज हम आपको राजस्थान के इरफान की ऐसी ही एक कहानी सुनाने जा रहे हैं, जो न सिर्फ रहस्यमयी है, बल्कि आपको अरब की पौराणिक कथाओं में ले जाएगी। ये कहानी है घूल की, एक ऐसी अलौकिक शक्ति की, जो इंसानी मांस की भूखी होती है। तो, तैयार हो जाइए एक ऐसी सैर के लिए, जहां डर और रहस्य हर कदम पर आपका इंतजार कर रहे हैं।
इरफान की कहानी: एक नई शुरुआत
इरफान, राजस्थान का एक साधारण लड़का, जिसके दिल में बड़े सपने पल रहे थे। स्कूल की पढ़ाई पूरी करने के बाद, उसने सोचा क्यों न अपनी किस्मत आजमाई जाए? और इसी सोच के साथ उसने एक इंटरनेशनल यूनिवर्सिटी में दाखिला ले लिया। ये यूनिवर्सिटी किसी पेंटिंग की तरह खूबसूरत थी—ऊंचे-ऊंचे पहाड़ों के बीच, घने जंगलों से घिरी हुई, जहां शांति हर पल महसूस होती थी। लेकिन, कहते हैं न, हर चमकती चीज सोना नहीं होती। इस शांति के पर्दे के पीछे कुछ ऐसा छुपा था, जिसकी किसी को कानों-कान खबर नहीं थी।
इरफान याद करते हुए बताते हैं, “वो जगह...अविश्वसनीय थी! ऐसा लगता था जैसे कुदरत ने खुद अपने हाथों से उसे तराशा हो। लेकिन एक बात हमेशा मेरे मन में खटकती थी—यूनिवर्सिटी के कुछ अजीब नियम। हमारे प्रिंसिपल साहब का मानना था कि स्टूडेंट्स को इंटरनेट और बाहरी दुनिया से दूर रहना चाहिए। शायद इसीलिए यूनिवर्सिटी को शहर से इतनी दूर बनाया गया था, ताकि हम सिर्फ पढ़ाई पर ध्यान दें।”
हॉस्टल का माहौल और वाहिद का आगमन
यूनिवर्सिटी का हॉस्टल एक छोटा सा भारत था। यहां हर कोने से छात्र आए थे—अपने देश से भी और सात समंदर पार से भी। इरफान के लिए ये एक बिल्कुल नया अनुभव था, एक अलग दुनिया में कदम रखने जैसा। इसी दौरान, हॉस्टल में एक नया लड़का आया—वाहिद। वो सऊदी अरब से था। वाहिद का स्वभाव इतना प्यारा और मिलनसार था कि वो पल भर में सबका दोस्त बन गया। हमेशा दूसरों की मदद के लिए तैयार रहने वाला वाहिद, सच में एक हीरा था।
लेकिन, जैसा कि हर कॉलेज में होता है, यहां भी कुछ ऐसे छात्र थे जो रैगिंग को सिर्फ एक मजाक समझते थे। रैगिंग...ये शब्द सुनते ही एक अजीब सा डर और गुस्सा आता है, है ना? और इन रैगर्स का नया निशाना बन गया बेचारा वाहिद।
रैगिंग का अंधेरा चेहरा
उन मनचले लड़कों ने वाहिद से कुछ ऐसी चीजें करने को कहा जो बिल्कुल गलत थीं। वाहिद ने बिना डरे उन्हें साफ मना कर दिया। बस, यही वो पल था जब उसका जीना मुश्किल कर दिया गया। वो रैगर्स उसे हर तरह से परेशान करने लगे—कभी ताने मारना, कभी उसकी चीजों को छुपा देना। एक बार तो उन्होंने उसे अकेला पाकर मारा-पीटा भी। इरफान और उसके दोस्तों ने जब ये सब देखा तो उन्होंने प्रिंसिपल से शिकायत करने की सोची। लेकिन वाहिद ने उन्हें रोक दिया। उसने कहा कि वो सीढ़ियों से गिर गया था।
इरफान बताते हैं, “वाहिद की बात सुनकर सब मान गए, लेकिन मुझे और मेरे एक दोस्त को कुछ गड़बड़ लग रही थी। उन रैगर्स को शायद ये गलतफहमी हो गई थी कि वाहिद ने उनकी शिकायत की है। इसके बाद तो उन्होंने उसे और भी ज्यादा तंग करना शुरू कर दिया।”
वाहिद का बदला: एक रहस्यमयी शुरुआत
एक रात, जब इरफान हॉस्टल के उस हिस्से से गुजर रहा था जहां तीन कमरे हमेशा खाली रहते थे और जिनमें जाने की सख्त मनाही थी, उसे एक अजीब सी आवाज सुनाई दी। वो आवाज वाहिद की थी, जो गुस्से में अरबी में कुछ बोल रहा था। इरफान को लगा शायद वो किसी से फोन पर बात कर रहा है, इसलिए वो बिना ध्यान दिए अपने कमरे में चला गया। लेकिन उस रात उसे नींद नहीं आई। एक अजीब सी बेचैनी उसे घेरे रही।
अगली सुबह जब उसकी आंख खुली, तो वो फ्रेश होने के लिए वॉशरूम गया। और वहां जो उसने देखा, वो ऐसा था जिसने उसकी रातों की नींद उड़ा दी। रैगिंग करने वाले ग्रुप का एक लड़का, आशीष, वॉशरूम के फर्श पर पड़ा था। उसका शरीर बुरी तरह से फटा हुआ था, खून और मांस के टुकड़े चारों तरफ बिखरे थे। इरफान डर के मारे कांप उठा। उसने तुरंत सिक्योरिटी गार्ड्स को बुलाया। लेकिन जब वो गार्ड्स के साथ वापस आया, तो वॉशरूम बिल्कुल साफ था। और सबसे ज्यादा चौंकाने वाली बात? आशीष भीड़ में जिंदा खड़ा हंस रहा था!
घूल का रहस्य: अरब की पौराणिक कथा
कुछ दिन बाद, जंगल में आशीष की लाश मिली। उसकी हालत बिल्कुल वैसी ही थी जैसी इरफान ने वॉशरूम में देखी थी—शरीर क्षत-विक्षत और खून से लथपथ। इसके बाद तो जैसे डर का साया पूरे हॉस्टल पर मंडराने लगा। रैगिंग ग्रुप के बाकी लड़के भी एक-एक करके गायब होने लगे। उनकी लाशें कभी जंगल में पेड़ों पर लटकी मिलतीं, तो कभी बुरी तरह से नोची हुई हालत में झाड़ियों में पड़ी रहतीं।
इरफान बुरी तरह डर गया था। उसने अपने एक दोस्त से इस बारे में बात की, जो पुरानी कहानियों और रहस्यमयी चीजों का शौकीन था। उसके दोस्त ने जो बताया, वो और भी डरावना था। उसने कहा कि उस रात इरफान ने वॉशरूम में जो खून से बना निशान देखा था, वो अरब की पुरानी किताबों में ‘घूल’ को बुलाने का निशान था।
घूल क्या है?
घूल, अरब की लोककथाओं का एक खौफनाक प्राणी है, जो मुर्दों को खाता है और इंसानी मांस का भूखा होता है। कहानियों में इसे अक्सर बदला लेने के लिए बुलाया जाता है। लेकिन घूल की सबसे खतरनाक बात ये है कि ये सिर्फ अपने दुश्मनों को ही नहीं मारता, बल्कि जिसने इसे बुलाया है, उसे भी नहीं छोड़ता। घूल किसी भी इंसान या जानवर का रूप ले सकता है और उसमें इतनी ताकत होती है कि वो पल भर में कई लोगों को खत्म कर सकता है।
इरफान का दोस्त बताता है, “मुझे लगता है वाहिद ने उन रैगर्स से बदला लेने के लिए घूल को बुलाया था। लेकिन अब ये घूल सिर्फ उन लड़कों तक सीमित नहीं रहेगा। ये पूरे हॉस्टल के लिए खतरा बन चुका है।”
डर का माहौल और यूनिवर्सिटी का अंत
एक रात, जब सारे स्टूडेंट्स हॉस्टल के कॉमन रूम में डरे सहमे बैठे थे, अचानक लाइट्स झपकने लगीं। बल्ब एक-एक करके फूटने लगे और पूरे हॉस्टल में अंधेरा छा गया। तभी उस कमरे से चीखें सुनाई दीं, जहां वाहिद ने घूल को बुलाया था। कुछ हिम्मत करके जब स्टूडेंट्स ने टॉर्च की रोशनी में वहां झांका, तो वो मंजर देखकर उनकी रूह कांप गई।
वाहिद एक लाश के पेट को फाड़कर उसका मांस खा रहा था। उसके पूरे मुंह पर खून लगा था और उसकी आंखों में एक अजीब सी, भयानक चमक थी। तभी उसने एक डरावनी चीख मारी और खिड़की तोड़कर जंगल की तरफ भाग गया।
इसके बाद तो जैसे पुलिस और रेस्क्यू टीम का तांता लग गया। पूरे हॉस्टल को खाली करवा लिया गया। यूनिवर्सिटी को सील कर दिया गया और सरकार ने इसे जंगली जानवरों के हमले का मामला बताकर हमेशा के लिए बंद कर दिया। लेकिन इरफान और बाकी स्टूडेंट्स सच जानते थे। वो जानते थे कि वो कोई जानवर नहीं था, बल्कि कुछ और ही था...कुछ बहुत बुरा।
घूल की सच्चाई: क्या ये सिर्फ एक कहानी है?
अरब की पुरानी कहानियों में घूल को एक ऐसी शैतानी ताकत माना जाता है, जो बदले की आग में जन्म लेती है। लेकिन क्या घूल सच में होता है? कुछ इतिहासकार मानते हैं कि घूल की ये डरावनी कहानियां पुराने अरब के कबीलों ने लोगों को डराने और उन्हें बुराई से दूर रखने के लिए बनाई थीं। वहीं, कुछ लोग आज भी मानते हैं कि घूल जैसी अलौकिक शक्तियां मौजूद हैं।
2019 में, सऊदी अरब के एक जाने-माने रिसर्चर, डॉ. अहमद अल-हसन ने अपनी किताब Myths of the Desert में लिखा, “घूल की कहानियां अरब के बेदुई समुदायों में सदियों से चली आ रही हैं। ये कहानियां सिर्फ डर पैदा करने के लिए नहीं थीं, बल्कि ये लोगों को सही और गलत के बीच का फर्क भी बताती थीं।” डॉ. हसन जैसे विशेषज्ञों की राय इस कहानी में विश्वसनीयता जोड़ती है।
लेकिन इरफान की कहानी सुनने के बाद लगता है कि शायद घूल सिर्फ एक कहानी नहीं है। इरफान आज भी उस भयानक रात को याद करके सिहर उठता है। वो खून से बना अजीब निशान, वो डरावनी चीखें, वो लाशें...क्या ये सब सिर्फ उसका बुरा सपना था? या फिर उसने सच में कुछ ऐसा देखा था जिसे दुनिया नहीं जानती?
आज भी अनसुलझा रहस्य
इरफान की उस भयानक रात के कई साल बीत चुके हैं, लेकिन वो सवाल आज भी उसके दिमाग में घूमते रहते हैं। क्या वाहिद ने सचमुच घूल को बुलाया था? क्या वो घूल आज भी उस जंगल में भटक रहा होगा? या फिर ये सब सिर्फ एक भयानक संयोग था? इन सवालों के जवाब शायद कभी नहीं मिल पाएंगे।
यूनिवर्सिटी बंद हुए सालों हो गए, लेकिन उस जगह के बारे में आज भी कई तरह की अफवाहें सुनने को मिलती हैं। कुछ स्थानीय लोग कहते हैं कि रात के अंधेरे में जंगल से अजीब-अजीब आवाजें आती हैं। लेकिन इन कहानियों का कोई पक्का सबूत नहीं है। ये सिर्फ सुनी-सुनाई बातें हैं, जिनका सच कोई नहीं जानता।
हम क्या सीख सकते हैं?
इरफान की ये डरावनी कहानी हमें कई ज़रूरी सबक सिखाती है। सबसे पहला सबक तो ये है कि रैगिंग जैसी घटिया हरकतें किसी की जिंदगी को कितना बर्बाद कर सकती हैं। दूसरा सबक ये है कि गुस्से और बदले की आग में लिया गया कोई भी फैसला सिर्फ हमें ही नहीं, बल्कि हमारे आसपास के लोगों को भी कितना नुकसान पहुंचा सकता है। और तीसरा, कुछ रहस्य ऐसे होते हैं जिनका जवाब शायद हमें कभी न मिले। जिंदगी रहस्यों से भरी है, और कुछ रहस्य हमेशा अनसुलझे ही रह जाते हैं।
निष्कर्ष
इरफान की ये कहानी सिर्फ एक डरावनी कहानी नहीं है, बल्कि एक ऐसा अनुभव है जो हमें सोचने पर मजबूर करता है। घूल, जो अरब की लोककथाओं का एक हिस्सा है, क्या वाकई में हकीकत में मौजूद है? या फिर ये सिर्फ इंसानी दिमाग का एक डरावना खेल है? जवाब चाहे जो भी हो, इस कहानी ने राजस्थान के एक साधारण लड़के की जिंदगी को हमेशा के लिए बदल दिया। ये कहानी हमें याद दिलाती है कि दुनिया में कुछ ऐसी चीजें भी हो सकती हैं जिन्हें हम अपनी तर्क और विज्ञान से नहीं समझ सकते।
अगर आपके पास भी कोई ऐसी रहस्यमयी कहानी है, जो डर और रोमांच से भरी हो, तो हमें ज़रूर बताइएगा। और हां, अगली बार जब आप किसी सुनसान जगह पर हों, तो अपने आसपास की आवाजों पर थोड़ा ध्यान ज़रूर दीजिएगा। कौन जानता है, शायद कोई घूल आपका इंतज़ार कर रहा हो...
Comments
Post a Comment