रात के अंधेरे में छिपे खौफः क्या सच में होते हैं गुल?
रात के अंधेरे में छिपे खौफ: क्या सच में होते हैं ग़ुल?
हमारे बड़े-बुज़ुर्ग अक्सर कहते हैं, "रात को सुनसान जगह या कब्रिस्तान के रास्ते से अकेले मत जाना।" उनके पास इंटरनेट की कहानियों से ज़्यादा दुनिया का तजुर्बा है। वे ऐसी सच्ची घटनाएं जानते हैं, जो हमें सोचने पर मजबूर कर देती हैं। यह दुनिया बनावटी बातों से भरी है, लेकिन कुछ खौफनाक सच्चाइयाँ भी हैं, जिनसे इनकार नहीं किया जा सकता। एक ऐसी ही खौफनाक शक्ति है, जिसे "ग़ुल" कहा जाता है।
ग़ुल: एक शैतानी शक्ति का रहस्य
"ग़ुल," "गोल," या "गोल" - अलग-अलग नामों से पुकारा जाने वाला यह एक शैतानी चिन्ह है, जो कब्रिस्तान, रेगिस्तान और सुनसान इलाकों में पाया जाता है। अरबी भाषा में "ग़ुल" का अर्थ है "कब्ज़ा करना।" कहते हैं, ग़ुल को वश में करने या उनसे कोई काम करवाने के लिए अपनी आत्मा का सौदा करना पड़ता है। काम पूरा होने पर ग़ुल अपने मालिक को ही निगल जाता है और उसका रूप धारण कर लेता है। कभी-कभी यह अपनी इच्छाओं की पूर्ति के लिए बच्चों की बलि भी मांगता है।
गुला: खून की प्यासी शैतानिन
इस शैतानी प्रजाति में मादा ग़ुल को "ग़ुला" कहा जाता है। इन्हें इंसानी मांस, खासकर बच्चों का मांस, बेहद पसंद है। कब्रिस्तान में रहकर ये मुर्दों को खाती हैं। कभी-कभी ये रात में खूबसूरत लड़की का रूप धारण कर सुनसान जगहों पर शिकार की तलाश में निकलती हैं। इसलिए रात में अगर कोई अकेली खूबसूरत लड़की दिखे, तो मदद के लिए जाने से पहले सावधानी बरतें। सिर्फ़ ग़ुल ही नहीं, रात के अंधेरे में और भी कई खतरे छिपे होते हैं।
ऑपरेशन डेज़र्ट स्टॉर्म: एक खौफनाक सच्ची घटना
1991 में गल्फ युद्ध के दौरान, अमेरिका और सऊदी अरब मिलकर इराक़ के खिलाफ कई ऑपरेशन कर रहे थे। "ऑपरेशन डेज़र्ट स्टॉर्म" के दौरान एक अमेरिकी और एक सऊदी यूनिट रेगिस्तान से गुज़र रही थी। अचानक आए तूफ़ान में दोनों यूनिट अलग हो गईं। सऊदी यूनिट, जिसमें 35 सैनिक थे, तूफ़ान से बचने के लिए एक मंदिरनुमा जगह में छिप गई। बाद में पता चला कि वह जगह ग़ुल का अड्डा था। ग़ुल ने सैनिकों पर हमला कर उन्हें नोच-नोच कर खा लिया। तूफ़ान थमने पर अमेरिकी यूनिट ने सऊदी यूनिट को खोजा, लेकिन उन्हें सिर्फ़ लाशें मिलीं, जिनका मांस गायब था और हड्डियाँ टूटी हुई थीं। सऊदी अधिकारियों ने बताया कि यह काम ग़ुल का है। इस घटना ने इस बात को पुख्ता कर दिया कि इंसानों के अलावा भी इस धरती पर कई और शक्तियाँ मौजूद हैं।
एक दोस्त की दर्दनाक दास्तान: सलमान और ग़ुल का सामना
मेरे एक दोस्त अब्दुल ने मुझे एक खौफनाक कहानी सुनाई, जिसे मैं आपके साथ साझा करना चाहता हूँ। अब्दुल को जिन्नात के बारे में पढ़ने का शौक था। उसका दोस्त सलमान भी इसी तरह की चीज़ों में दिलचस्पी रखता था। एक दिन सलमान ने अब्दुल को ग़ुल के बारे में बताया कि वे कितने खतरनाक होते हैं और कब्रिस्तान में पाए जाते हैं। अगले ही दिन अब्दुल के माता-पिता किसी काम से बाहर गए और अब्दुल ने सलमान के साथ उस कब्रिस्तान में जाने का फैसला किया।
अंधेरी रात, खौफनाक कब्रिस्तान
रात का अंधेरा घना था, चाँद भी नज़र नहीं आ रहा था। जंगल के अंदर से अजीबोगरीब आवाज़ें आ रही थीं। कब्रिस्तान पहुँचकर सलमान ने अपनी हथेली काटकर खून की कुछ बूंदें ज़मीन पर गिरा दीं। तभी कब्रों से चार भयानक ग़ुल निकले और उनके चारों ओर खड़े हो गए। वे सलमान को गुस्से से घूर रहे थे। अब्दुल और सलमान वहाँ से भागने लगे, लेकिन ग़ुल उनके पीछे दौड़ पड़े। ग़ुल ने सलमान पर हमला कर दिया और उसे नोच-नोच कर खाने लगे। अब्दुल डर के मारे वहाँ से भाग गया।
सलमान की दर्दनाक मौत
अगले दिन पुलिस ने सलमान की लाश बरामद की। उसका शरीर बुरी तरह से नोचा हुआ था। पुलिस ने इसे जानवरों का हमला बताया, लेकिन अब्दुल जानता था कि सलमान की मौत का ज़िम्मेदार ग़ुल है। यह घटना अब्दुल के लिए एक सबक बन गई कि कुदरत की शक्तियों से खिलवाड़ नहीं करना चाहिए।
कुछ ज़रूरी सावधानियाँ
- रात को सुनसान जगहों, खासकर कब्रिस्तान के आसपास, अकेले न जाएँ।
- अगर आपको कोई अजीबोगरीब आवाज़ या घटना महसूस हो, तो तुरंत वहाँ से चले जाएँ।
- किसी अनजान व्यक्ति, खासकर रात में अकेली लड़की, पर भरोसा न करें।
- अपने बड़ों की बात मानें और उनकी सलाह पर ध्यान दें।
यह कहानियाँ हमें याद दिलाती हैं कि इस दुनिया में हमारी समझ से परे भी बहुत कुछ है। हमें इन अदृश्य शक्तियों का सम्मान करना चाहिए और उनसे दूर रहना चाहिए।
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