दिल्ली का वो Haunted PG: छात्रों के साथ हुआ कुछ खौफनाक (सच्ची कहानी) (Delhi's Haunted PG: Something horrific happened with students (True Story))


कहानी

ये कहानी दो हजार आठ की है और कहानी शहर की है। अमन सिंह यादव ने उस वक्त अमन अपनी ग्रेजुएशन दिल्ली यूनिवर्सिटी से कर रहा था। और उसे यहाँ रहने के लिए पीजी की भी जरूरत थी। उसने कई सारे पीजी देखे। पर उसे कोई रहने लायक नहीं लगा। उसके साथ एक दोस्त भी था उसका। कुछ एक दिन और ढूंढने के बाद उसे एक PG सही लगा। अमन और उसका दोस्त यहाँ जल्दी से जल्दी shift हो गए।

जब वो यहाँ रहने लगे, थोड़े ही time में कुछ ऐसा लगने लगा जैसे कि वो लोग जब भी PG से बाहर जाते हैं तो लोग बड़े अलग तरीके से देखते हैं उन्हें। उनसे कहीं ना कहीं लोगों को डर लगता था। ये बड़ा अजीब तो था और साथ ही परेशान करने वाला भी कि लोग ऐसे क्यों देखे जा रहे हैं हमें।

तब अमन ने वही एक चाय वाले से पूछा, "जब भी हम बाहर आते हैं तो लोग हमें ऐसे क्यों देखते हैं?" ये बात सुन के चाय वाले ने अपनी तिरछी नजर से देखा उन्हें और बात करने से मना कर दिया। पर अमन ने हार नहीं मानी।

अपने दोस्त के साथ वो दोबारा से गया वहाँ और उसे कुछ पैसे दिए। जिसके बाद उसने बताया कि जिस पीजी में तुम रह रहे हो, वो काफी ज्यादा haunted माना जाता है। कहा जाता है कि उस पीजी के मालिक की सोलह साल की एक लड़की की spirit आज भी वहाँ पे भटक रही है।

हादसे करीब तीन साल पहले, जब ये PG बन रहा था, तब वो लड़की वहाँ थोड़ा काम वगैरह देखने आती थी और छत से वो यहाँ की तीसरी मंजिल से नीचे गिर जाती है और उसकी वहीं मौत हो जाती है। जब वो गिरी थी तो इतनी बुरी तरह गिरी थी कि उसकी रीढ़ की हड्डी बुरी तरह से टूट जाती है और वो दर्द ना सहन कर पाने की वजह से उसकी वहीं पे मौत हो गयी थी।

चाय वाले ने आगे बताया, "अगर तुम इस बारे में अपने मालिक से बात करोगे तो तुम लोगों को उसका अलग ही रूप देखने को मिलेगा। तो जब तक तुम यहाँ रह रहे हो, उसे इस बारे में बिलकुल भी बात मत करना और ये तो बिलकुल भी मत बताना कि मैंने तुम्हें इस बारे में ये सब बताया है।"

चाय वाले ने कहा, "तकरीबन एक महीने पहले तुम्हारे जैसे स्टूडेंट इस पीजी में रहने आए थे। और फिर दो चार दिनों बाद इसे छोड़ दिया। जब वो दोनों यहाँ से जा रहे थे तो उनके चेहरे बहुत ज्यादा उतरे थे। उनके हाथों पर कुछ चोटों के निशान थे और एक रात पहले ही इस घर से किसी के चिल्लाने की आवाज़ भी आयी थी।"

"जिस दिन वो जा रहे थे, उन्होंने किसी से ना तो कुछ कहा ना किसी से नज़रें मिलाई उन्होंने। cab book की और चले गए। उसके बाद से उन्हें यहाँ कभी नहीं देखा गया। यहाँ लोग जितना जानते हैं PG के बारे में कोई भी उसके आसपास नहीं आता जाता। तुम वहाँ रह रहे हो तभी ये लोग तुम्हे अजीब तरीके से देख रहे हैं।"

इसके बाद अमन और उसके दोस्त को लगा कि, "यार कुछ भी चल रहा है क्या? फालतू की कहानियाँ बनाई हुई हैं। अगर कुछ होता तो हमारे साथ भी कुछ ना कुछ तो हो ही गया होता यहाँ पे। ये सब अफवाहें मत फैलाओ। ऐसे भूत वूत कुछ नहीं होता।"

इसके reply में चाय वाले ने कहा, "आप कुछ दिन यहाँ रह के देख लो, फिर आपको पता चल जाएगा।" अमन और उसका दोस्त वहाँ से चले जाते हैं। बातें करते हुए जा रहे थे कि क्या भाई कुछ भी बोलते हैं ये लोग।

दोनों वापस PG में आए। इस बात के बाद दो तीन दिन तो वहाँ सब कुछ सही रहा। सब normal था। मस्त chill कर रहे थे, web series वगैरह देखते और थोड़ा बाहर घूमने फिरने निकल जाते। अब उन्हें फर्क नहीं पड़ता था कि लोग उनकी तरफ कैसे देख रहे हैं या नहीं देख रहे हैं।

एक दिन college से ये दोनों खाना पीना खा के थोड़ा आराम किया फिर बाहर चले गए तफरी करने। और उसी रात उनके साथ कुछ ऐसा पहली बार हुआ जिसके बारे में वो explain भी नहीं कर पाए थे कि क्या हुआ। रात के करीब बारह बजे के आसपास सोने चले गए।

तब उनके दरवाजे पर किसी ने कांच की बोतल फेंकी। उसकी आवाज उन्हें काफी तेज आयी। दोनों जल्दी से उठे, दरवाजा खोला तो देखा कि वहाँ कोई काँच नहीं था। "अगर वो आवाज आयी है, तो कांच के टुकड़े कहाँ गए?" वहाँ पूरे कॉरिडोर में कोई नहीं था।

उन्हें लगा कि कहीं और कुछ हुआ होगा या शायद किसी के घर में टीवी तेज चल रहा होगा, तो ये आवाज वहीं से आई थी। वो दोनों कैलकुलेशन करने में लगे थे, खुद को समझा रहे थे कि ऐसा कुछ नहीं है और दोबारा से सोने चले गए। रात तो अच्छे से कट गई।

पर जब सुबह उठे तो उनकी जितनी भी किताबें जो उन्होंने सही से set करके रख रखी थी, वो उन्हें नीचे गिरी मिलती हैं। उनका बाकी सामान भी यहाँ वहाँ बिखरा पड़ा था। जब दोनों उठे तो एक दूसरे को देखने लगे। अमन ने कहा कि भाई रात को कोई चोर वगैरह तो नहीं आ गया था। हमें इसके बारे में यहाँ के मालिक को बताना चाहिए।

जब वो दोनों इसके पास पहुँचे, उसे सारी कहानी सुनाई। उसने गुस्से में कहा, "अगर तुम दोनों को यहाँ रहना है तो रहो, नहीं तो आज ही तुम दोनों ये PG छोड़ के चले जाओ।" इन दोनों को ये PG बड़ी मुश्किल से मिला था तो वो यहाँ से जाना नहीं चाहते थे।

उन दोनों ने मालिक से इस बारे में ज्यादा बहस ना करते हुए अपना daily routine फ़ॉलो किया और फिर थक हार के रात को वापस सोने आए। उसी टाइम पे तकरीबन बारह बज रहे थे।

दो घंटे की नींद के बाद जब अमन की किसी आवाज से आँख खुली, ऐसा लगा जैसे किसी ने हल्के से दरवाजा खोला हो। अमन ने जल्दी से कमरे की light जलाई और दोस्त को जगाने की कोशिश करने लगा। तो उसने देखा कि उसका दोस्त तो वहाँ पे है ही नहीं। वो जल्दी से bathroom में गया और देखा कि कहीं वो bathroom में तो नहीं।

लेकिन जब वो वहाँ पर भी नहीं मिला तो उसने जल्दी से अपनी पैंट पहनी और वो बाहर उसे ढूंढने निकल पड़ा। अमन बाहर आता है तो देखता है कि उसका दोस्त वहाँ third floor की सीढ़ियों के पास खड़ा है और वो बिलकुल उस point पर है जहाँ से एक कदम भी और आगे बढ़ाया तो वो सीधा नीचे जा के गिरेगा।

अमन को लग रहा था कि उसका दोस्त अपने सेंस में बिल्कुल नहीं है। ऐसा लग रहा था जैसे किसी ने उसे अपने वश में कर लिया हो। वो उसकी कोई बात नहीं सुन रहा था, ना किसी बात का जवाब दे रहा था। और साथ ही साथ अमन ये भी देख रहा था कि वो किसी के साथ एक रबर बॉल के साथ catch catch खेल रहा है।

वो यहाँ से ball फेंक रहा था तो ball उसकी तरफ वापस भी आ रही थी। और अमन देख नहीं पा रहा था कि बाहर कौन है जो ball फेंक रहा है। वहाँ अँधेरा बहुत ज़्यादा था। और अमन ने अपने phone की flash light on की और उसने देखा कि सामने कोई भी ऐसी एंटिटी नहीं है जो उसे दिखाई दे रही हो। "तो फिर ये बॉल वापस से कैसे आ रही है?"

अमन अपने दोस्त को देखता है और कुछ कहता है, "तू किससे बात कर रहा है? किसके साथ खेल रहा है? कौन है वहाँ पे?" तो अब वो बॉल सीढ़ियों से टिप्पे खाते हुए किसी बीच की सीढ़ी में रुक जाती है और वहाँ पे कोई नहीं था। अमन इस बात से और ज़्यादा डर गया था क्योंकि उसका दोस्त उसकी किसी भी बात का जवाब नहीं दे रहा था।

वो जल्दी से अपने कमरे में गया। वहाँ से पानी की bottle उठा के लाया और दोस्त पे पानी फेंक दिया। तब अचानक से वो होश में आया और तभी अमन ने उसे सीढ़ियों से पीछे खींच लिया और कंधे के सहारे से उसे कमरे में ले आया। अंदर आते ही कमरे को ठीक से बंद किया और उसके सामने एक table भी लगा दिया।

अमन ने अपने दोस्त से पूछा, "इतनी रात में बात करने क्या गया था?" तो दोस्त ने बताया कि रात के करीब डेढ़ बजे के आस-पास उसे ऐसा लगा कि जैसे कोई उसका एक पैर खींच के उसे ले के जा रहा है। "मैं देख रहा था कि कमरे का दरवाजा धीरे-धीरे खुल रहा है। चाहकर भी कुछ नहीं कर पा रहा था।"

दोस्त ने बताया, "और बाहर से किसी बच्ची के हँसने की आवाज़ आ रही थी जो कि एक smiley rubber वाली ball के साथ खेल रही थी और मुझे कह रही थी खेलोगी मेरे साथ। और इसके बाद मुझे कुछ भी याद नहीं।"

तब अमन ने कहा, "मुझे लगा कि जैसे कमरे का दरवाज़ा खुला है और मैं light जला के तुझे उठाने लगा तो तू अपनी जगह पर नहीं था। फिर मैंने बाहर आके देखा तो तू वहाँ सीढ़ियों के पास खड़ा था। एक कदम आगे और होता तो सीधा नीचे जा के गिरता।"

वो दोनों एक दूसरे से अपनी बातें share कर रहे थे। बातें करते करते उन्हें दो घंटे बाद थोड़ी नींद भी आ गयी थी। इतने में घड़ी का alarm बजा और सुबह जब उठे तो आज भी उनका सामान यहाँ वहाँ बिखरा पड़ा था। और उनकी किताबों के साथ एक पन्ना भी था जिसे जब अमन ने उठा के देखा तो उसमें एक drawing बनी हुई थी।

drawing में एक लड़का सीढ़ियों के साथ खड़ा है और कोई काली सी परछाई उसके साथ catch ball खेल रहे थे। अमन ये देख के बहुत ज़्यादा डर जाता है। लेकिन इतने में उसे कुछ और दिखता है। जिस रबर बॉल से उसका दोस्त वहाँ खेल रहा था, वो बॉल वहाँ टेबल के नीचे पड़ी थी जिसे दरवाजे के साथ लगाया था अमन ने।

अमन थोड़ी देर बैठ जाता है और उसे उस चाय वाले की बात याद आती है कि शायद वो चाय वाला झूठ नहीं बोल रहा था। यहाँ कुछ ना कुछ तो है जो बहुत खौफनाक है। शायद इस PG के मालिक की बेटी, उसकी spirit अभी भी यहीं कहीं पे है।

अमन अपने दोस्त को कहता है, "इससे पहले और कुछ हो, कहीं वो हमें नुकसान ना पहुँचा दे, ये घर हमें खाली करना होगा।" दोनों decide करते हैं कि यहाँ से छोड़ के चले जाएँगे। कोई फर्क नहीं पड़ता कि कितना पैसा refund होगा या नहीं होगा।

अपना सामान pack किया और जब जाने लगे तो उसी चाय वाले ने देखा और कहा कि, "तुम दोनों की शक्ल भी बिलकुल वैसी लग रही है जैसे उन दोनों लड़कों की लग रही थी एक महीने पहले की कहानी जो मैंने तुम्हें सुनाई थी।"

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